Thursday, November 30, 2017

चलो देखते हैं

क्यों होता है पहले, क्या होता है पहले,
कौन रोता है पहले, कौन सोता है पहले,
चलो देखते हैं...

कौन झुकता है पहले, कौन झुकाता है पहले,
कौन रुकता है पहले, कौन रुकाता है पहले,
उन बीती बातों, बीती रातों की याद से आज,

मुक्कमल नींद

वक़्त के फेर में, तुम जो रूठे मना लेंगे,
छत नहीं देखी कभी, अब तेरे दिल में पनाह लेंगे। 

हर हंसी, तेरे चेहरे पर देखनी है अब बस,
और हर रोज ही, तेरा इक गम हम अपना लेंगे।

हर ख़ुशी तेरे पैरों में होगी, हर गम बे-निशां होगा,

Tuesday, December 6, 2016

गुरुर

इन ऊंच नीच के झगड़ों में, यहाँ किसने क्या पाया है। 
पूरी दुनिया फ़तेह कर भी, वो सिकंदर यहीं समाया है। 

किशोर मुहा नास्तिकता से, दूर रखे मंदिर-मस्जिद है।